Anapanasati Dhyan (Hindi) - आनापानसति ध्यान by Brahmarshi Pitamaha Patriji
आनापानसति ध्यान गौतम बुद्ध द्वारा दी गई ध्यान पद्धति है। आनापानसति पाली भाषा का शब्द है। “आन” अर्थात उच्छ्वास, “अपान” अर्थात निःश्वास और “सति” अर्थात जुड़ना। आनापानसति, अपनी आती जाती श्वास के साथ एक हो जाना है।
इस जगत की सबसे सरल ध्यान पद्धति आनापानसति है! इस सत्य को जानकार, ब्रह्मर्षि पितामह पत्री जी ने ध्यान के बारे में सखोल स्वरूप से इस पुस्तक में बताया है। सत्य पहचानने हेतु शोध करने वाले लोगों के लिए अंत तक पहुंचने की स्थिति ही आनापानसति है। वहीं से उनकी असली आध्यात्मिक यात्रा शुरू होती है!
ध्यान का अर्थ प्रार्थना नहीं है.. ध्यान का अर्थ स्त्रोत्र नहीं है.. ध्यान का अर्थ नाम स्मरण नहीं है.. ध्यान यानी मंत्र जाप नहीं है.. ध्यान यानी ‘श्वास पर ध्यास’ द्वारा चित्त वृत्ति का निरोध करना है। ध्यान से शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। शारीरिक ताकत, मानसिक शांति, बुद्धि का विकास, आर्थिक बल, सुमित्र प्राप्ति तथा आध्यात्मिक ज्ञान हमें आनापानसति ध्यान करने से ही मिलते हैं।
तो, आइए ध्यान योग की सही पद्धति को जानें और अपने जीवन में उसका दैनिक अभ्यास करें।