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Aatmkshetra (Hindi) - आत्मक्षेत्र by Brahmarshi Pitamaha Patriji
Rs. 225.00
हम भौतिक जीवन में, विविध क्षेत्रों के बारें में, ज्ञान अर्जित करते है परंतु स्वयं के आत्मक्षेत्र के बारें में नहीं जानते, जिसपर हमारे आत्मा की धरा है। शरीर क्षेत्र में रहते हुए आत्मक्षेत्र में कैसे प्रवेश करना है तथा स्वयं से कैसे जुड़ना है और उसमें रहने से क्या प्राप्त हो सकता है? यह सब आप इस किताब के माध्यम से जान पाएंगे। जहाँ आपको ध्यान विज्ञान ज्योति, अप्पो दीपो भव:, ध्यानानुभव तथा भक्ति ही मुक्ति इत्यादि अत्यंत सुंदर और सरल संकल्पनाओं को आप जब पढ़ेंगे तब आपको विविध प्रकार के शब्दों का सही रूप से गहराई में अर्थ समझ पाएंगे। पत्री जी की सरलता जो कठिन से कठिन विषयों को भी हमारे लिए आसान बना देती है। अपनी आध्यात्मिक समझ बढ़ायें और अपने सभी प्रश्नों के उत्तरों को, स्वयं ढूंढने का मार्ग ' ध्यान ' कैसे बन सकता है इसे जानिए।